DATELINE
NEW DELHI 1992
में एक अनार हूँ
जलता हूँ
फुंक जाता हूँ
इस बीच बिखरता हूँ
फैलता हूँ
चमचमाता हूँ
बहलाता हूँ
सहलाता हूँ
चमन के फूलों को
महक ले लेता हूँ
देता हूँ महक
हंस-हंस के जलता हूँ
हंस-हंस के ख़तम हो जाता हूँ .
दम निकल-निकल जाता है
फिर समेटता हूँ
इस बड़े बिखराव को
फिर जलने के लिए
फिर फुंकने के लिए
लिए फिर महकने को
फिर हंसने को.
में अनार हूँ
एक हंसी का फूआरा हूँ
में एक अनार हूँ.
©sumeghaagarwal
No comments:
Post a Comment