DATELINE GULMOHAR PARK NEW DELHI
15/07/05
For Anjali Gopalan
उसके साये में पलती हैं
जाने कितनी ही जिंदगिया
उसकी आँखों की चमक से
होती हैं कितनी ही राहें उजागर
बालो की उलझनों में
समेटे है जाने कितनो की उलझने
उसकी आवाज की गूँज से
जिंदगी उफान लेती है
फ़रिश्ता नहीं ना खुदा है वो
वो तो बस, बस एक ही
आम इन्सान है
अथक प्यार उसकी पहचान है
कभी उदास, कभी गुस्सा तो
वो भी होती होगी
पर खबर किसी को मिलती ही नहीं
वो तो बस एक, बस एक ही
आम इन्सान है.
©sumeghaagarwal
No comments:
Post a Comment