DATELINE SYDNEY
28/10/03
जाने ये लोग मुझे चाहते हैं क्यों
मेरी जद्दोजहद तो सिर्फ
निकल जाने की है.
ना बांधो मुझे तुम यहाँ
सुना है वहां
मुक्ती का राज है.
गलबहियां ना दो मुझे
मेरी सांसे बढ़ जाती हैं.
मत दो सहारा तुम मुझे
जोकि पैर कहीं इधर
ही जम ना जाएँ
मेरी जद्दोजहद तो सिर्फ
निकल जाने की है.
यहाँ में अकेले ही चल सकती हूँ
दायें बाएं जगह नहीं है.
मत अटको तुम मेरे रास्ते में
मत पकड़ो पीछे से तुम
छाया को मेरी.
जाने भी दो मुझे.
जाने ये लोग मुझे चाहते हैं क्यों
मेरी जद्दोजहद तो सिर्फ
निकल जाने की है.
©sumeghaagarwal
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